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Thursday, August 15, 2013

मातृभूमि तूने दिया बहुत ,जांबाज़ तूने किया बहुत 


मैं भी अक्षम नहीं किन्तु हाथ बंधे हैं मेरे 


है इल्तेज़ा यही मेरे परवरदिगार तुझसे 

काट बेड़ियाँ,खोल खिड़कियाँ हैं मेरे सामने हैं काज बहुत ..... Poonam matia



Matribhumi aur shaheedoN ko naman 

सन 1947 में जो हमें मिली क्या वो आजादी थी ....सभी जानते हैं कि वो स्वतंत्रता नहीं बल्कि एक समझोता /एक संधि थी जिसमे एक हाथ से शक्ति से दुसरे हाथ में गयी थी .इसलिए ही हम अब तक सही मायने में स्वतंत्रता का फल पा नहीं पायें हैं ......बुराइयां भी आज के समय में बहुत हैं ..........परन्तु स्वतंत्रता दिवस के अवसर पे थोडा आत्मचिंतन ज़रूरी है ....कि क्या हमें सही मायने में इसे पाया है ..गर आप सोचते हैं हाँ ....तो ठीक .........गर समझते हैं कि नहीं .......तो यह और जरूरी हो जाता है ..क्योंकि हमारे नीति निर्माताओं ने देश भक्ति के लिए केवल कुछ ही दिन मार्क कर दिए हैं तो हमें उन्हें व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए .और अपने दिल की गहराइयों से आजादी के दिन के यादगार दिवस को मनाये ताकि देश भक्ति के कुछ भाव दिलों से निकल बाहर आयें और हर एक शख्स कुछ योगदान दे पाए, .स्वेच्छा से ...अपनी जननी जन्म भूमि के लिए कुछ कर पाए .. ........
जय भारत ,वन्दे मातरम ......... धन्यवाद एवं शुभकामनाएं

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